लिम्हा टोल प्लाजा पर है जन सुविधाओं का अभाव,टाॅयलेट जानवरों के कोठा से भी बदतर नहीं ले रहा कोई सुध ।

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लिम्हा टोल प्लाजा पर है जन सुविधाओं का अभाव, टॉयलेट जानवरो के कोठा से भी बदतर नही ले रहा कोई सुध।

भीषण गर्मी में नहीं मिल रहा यात्रियों को शुद्ध पेयजल, नहीं है ठहरने के लिए उचित व्यवस्था, लगीं रहती है वाहनों की कतारें.

बेलतरा:–लिम्हा टोल प्लाजा बैरियरों पर नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। जहां एक ओर भीषण गर्मी पड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर टोल प्लाजा पर यात्रियों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है,

जिसके कारण यात्रियों व चालकों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। शासनादेश के अनुसार टोल प्लाजा पर जनसुविधाओं की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए जैसे कि पेयजल की समुचित व्यवस्था, पूर्ण सुविधायुक्त शौचालयों की व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था आदि। मगर लिम्हा के टोल प्लाजा पर उनके अधिकारी कर्मचारियों की मनमानी के चलते वाहन चालकों और आने जाने वाले यात्रियों को काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

भीषण गर्मी में भी नहीं है शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था:-

इस समय लगभग पूरा देश भीषण गर्मी का सामना कर रहा है, जिसके चलते लोगों को पल पल प्यास लगती है। इसके लिए कई लोगों ने तो रास्ते में प्याऊ तक खुलवा दिए हैं

, जिससे आने जाने बाले लोगों के लिए ठंडा और शुद्ध पानी उपलब्ध हो सके। मगर बिलासपुर कोरबा रोड पर लिमहा टोल प्लाज बना हुआ है जिस पर यह व्यवस्था मुख्य रूप से होनी चाहिए थी, मगर टोल प्लाजा पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है।

वाटर ए टी एम लगा पर सिर्फ देखने के लिये-

लिम्हा टोल प्लाजा पर राहगीरों व इस सड़क पर आने जाने वालों के लिये वाटर एटीएम तो लगा है जहाँ लोगो को एक रुपये में 300 ml पानी पीने को मिलना था लेकिन ये वाटर एटीएम बन्द पड़ा हैजिससे की लोगो को शुद्ध पानी नही मिल पा रही है ।

टॉयलेट जानवरो के कोठा से भी बदतर —

लिम्हा टोल प्लाजा के कुछ दूरी पर दोनो तरफ आने जाने वाले लोगो के लिये टॉयलेट बनाया गया है लेकिन यहाँ साफ सफाई टॉयलेट बनने के बाद कभी किया ही नही गया है जिससे यह टॉयलेट इंशानो के उपयोग हेतु अब नही है यह टॉयलेट अब जानवरो के कोठा से भी बदतर हो चुका है ।

कर्मचारी ड्रेस में न गले मे परिचय पत्र लगाते है –

–लिम्हा टोल प्लाजा के कर्मचारियों के गले में कोई भी परिचय पत्र दिखाई नहीं देता ना ही ड्रेस जबकि ऐसा अनिवार्य है।यहां आए दिन गाली गलौच मारपीट जैसी शिकायतें आती रहती है और जब कोई व्यक्ति मामला लेकर पुलिस तक पहुंचता है तो यह लोग कह देते हैं कि वह हमारा कर्मचारी ही नहीं है।

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